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आध्यात्मिक वसंत की साफ़-सफ़ाई

आध्यात्मिक वसंत की साफ़-सफ़ाई

जब हम अपने विचारों को साफ़ करने की ओर ध्यान देते हैं, तो हमें देखना होता है कि हम अपने कौन-कौन से पहलुओं की सफ़ाई करना चाहते हैं। हमें यह समझना होता है कि हमारे मन और हृदय में कौन-कौन सी चीज़ें ग़ैर-ज़रूरी हैं और हमें प्रभु के प्रेम को अनुभव करने से रोक रही हैं।

शाकाहार क्यों?

शाकाहार क्यों?

जो आहार हम चुनते हैं, वो हमारे स्वास्थ्य के सभी पहलुओं को और हमारे पर्यावरण को प्रभावित करता है। अलग-अलग पृष्ठभूमियों और संस्कृतियों के लोग शाकाहार को अपना रहे हैं, और आज शाकाहार काफ़ी प्रसिद्धि पा चुका है। यहाँ तक कि कई लोग कहते हैं कि अब हमें दूसरों से यह नहीं पूछना चाहिए कि “क्या आप शाकाहारी या वीगन (जो लोग पशु-उत्पादों का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करते, जैसे दूध या दूध से बनी चीज़ें) हैं?”, बल्कि यह पूछना चाहिए कि “आप क्यों नहीं हैं?”

Heal the Soul through Meditation

Heal the Soul through Meditation

Being unconnected with our inner core or soul causes pain. The pain may manifest as a continual restlessness for something of which we are not aware. We rush around trying to find happiness in outer pursuits and are confused when the happiness we thought we would gain eludes us. We know there is something missing, yet we know not what it is.

अपना उपचार करना और विश्व का उपचार करना

अपना उपचार करना और विश्व का उपचार करना

मैं आपके सामने एक ऐसा समाधान रखना चाहता हूँ जो परिणाम अवश्य देगा – हम में से हरेक अपना उपचार करे। यदि हम ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने शरीर, मन, और आत्मा का उपचार कर सकें, तो हम विश्व की जनसंख्या में एक और परिपूर्ण इंसान जोड़ पायेंगे।

शाकाहारी होने के लाभ

शाकाहारी होने के लाभ

एक कहावत है, “जैसा आप खाते हैं, वैसे ही आप बन जाते हैं”। पूर्वी देशों में, जहाँ हज़ारों सालों से शाकाहार ही प्रमुख भोजन रहा है, वहाँ लोग यह जानते हैं कि जो कुछ भी हम खाते हैं, वो हमारे शरीर का हिस्सा बन जाता है और हमारे विचारों पर भी प्रभाव डालता है।

बास्केटबॉल कौशल को ध्यानाभ्यास में इस्तेमाल करना

बास्केटबॉल कौशल को ध्यानाभ्यास में इस्तेमाल करना

ध्यानाभ्यास के लिए एकाग्रता की ज़रूरत होती है। इसका अर्थ है अपने शरीर को बिल्कुल स्थिर करके बैठना, जिस तरह खिलाड़ी अपने शरीर को उस स्थिति में रखते हैं जिसमें वो बॉल को पकड़ सकें। हमें भी आंतरिक बॉल के साथ जुड़ना है, इसीलिए हमारे शरीर का स्थिर होना ज़रूरी है।

हमेशा अपनी ओर से बेहतर से बेहतर करिए

हमेशा अपनी ओर से बेहतर से बेहतर करिए

जीवन में ऐसा समय भी आता है जब अपनी ओर से बेहतरीन प्रयास करने पर भी हम परिणाम से संतुष्ट नहीं होते, या जब हमारे प्रयास उन लोगों के द्वारा ही सराहे नहीं जाते जिनकी हम सहायता करने की कोशिश कर रहे होते हैं। जब ऐसा होता है, तो हम अपने प्रयासों में सतर्क हो जाते हैं, और परिस्थितियों या लोगों के अनुसार अपने प्रयासों में बढ़ोतरी या कमी लाते रहते हैं।

क्रोध पर काबू पाना

क्रोध पर काबू पाना

हमारे मन की शांति को सबसे बड़ा ख़तरा क्रोध से होता है। कार्यस्थल पर, हम पाते हैं कि हमें अक्सर अपने बॉस, अपने सहकर्मियों, या अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर गुस्सा आता रहता है। मुश्किल से ऐसा एक भी दिन गुज़रता होगा जब कार्यस्थल पर कोई व्यक्ति या कोई चीज़ हमारे मन की शांति को भंग नहीं करती है। हम देखते हैं कि घर में भी हमारी प्रतिक्रियाएँ अक्सर क्रोधपूर्ण होती हैं।

हम कौन सी रेस में दौड़ रहे हैं?

हम कौन सी रेस में दौड़ रहे हैं?

क्या आपको ऐसा लगता है कि आपके दिन ऐसे गुज़रते हैं मानो आप एक ट्रैडमिल (व्यायाम की मशीन) पर दौड़ रहे हों और कहीं भी न पहुँच रहे हों? क्या आप दिन के अंत में बहुत अधिक थक जाते हैं, और फिर भी ऐसा महसूस करते हैं कि कुछ महत्त्वपूर्ण नहीं कर पाये हैं?

ध्यानाभ्यास के द्वारा क्रोध और तनाव पर काबू कैसे पायें

ध्यानाभ्यास के द्वारा क्रोध और तनाव पर काबू कैसे पायें

क्रोध और तनाव आज हमारे जीवन के नाटक में अनचाहे किरदारों की तरह जगह बना चुके हैं। यहाँ कुछ व्यवहारिक तरीके दिए गए हैं जिनका इस्तेमाल कर हम इन पर काबू पा सकते हैं।

लगावों को त्यागना

लगावों को त्यागना

एक रोचक कहानी की मदद से हम जान पाते हैं कि कैसे हम अपनी इच्छाओं और दैनिक गतिविधियों के गुलाम बन जाते हैं, और इस प्रक्रिया में अपने जीवन के सच्चे उद्देश्य को पाने के लिए समय ही नहीं निकाल पाते।

सभी चीज़ों में कुछ न कुछ अच्छा ढूंढ लीजिए

सभी चीज़ों में कुछ न कुछ अच्छा ढूंढ लीजिए

हम अक्सर एक आधे-भरे गिलास को आधा-भरा हुआ नहीं, बल्कि आधा-खाली की नज़र से देखते हैं। किसी भी स्थिति को देखते समय, ज़्यादातर लोग उसके अच्छे पहलू के बजाय उसके बुरे पहलू की ओर ही देखते हैं। लेकिन, यदि हम इस बारे में ध्यान से सोचें, तो देखेंगे कि हमारे जीवन में बहुत सारी अच्छी चीज़ें भी हो रही हैं, और हमारे पास ऐसी कई देनें हैं जिनके लिए हमें शुक्रगुज़ार होना चाहिए।

आत्मा बिना शर्त सबसे प्रेम करती है

आत्मा बिना शर्त सबसे प्रेम करती है

यदि हम अपनी आत्मा के संपर्क में आएँगे और दुनिया को उसकी नज़रों से देखेंगे, तो हम न केवल बिना शर्त प्रेम करने लगेंगे, बल्कि अपने लिए प्रभु के बिना शर्त प्रेम को भी महसूस कर पाएँगे।

सैद्धांतिक को व्यावहारिक में बदलना

सैद्धांतिक को व्यावहारिक में बदलना

हम सभी यह जानते हैं कि जब भी हम इस संसार के किसी भी क्षेत्र का अध्ययन करना चाहते हैं, तो हम एक ऐसे शिक्षक के पास जाते हैं जो उस क्षेत्र में माहिर होता है। अगर हम भौतिकशास्त्र या रसायनशास्त्र पढ़ना चाहते हैं, तो हम किसी वरिष्ठ शिक्षक या प्रोफ़ेसर के पास जाते हैं। वो शिक्षक हमें उस विषय का सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करता है। यदि मूल बातें स्पष्ट हैं, तो हम अपना पूरा ज्ञान उन मजबूत बुनियादी बातों पर बना सकते हैं। यही अध्यात्म के लिए भी सच है।

जीवन की चुनौतियों का सामना करना

जीवन की चुनौतियों का सामना करना

आत्मा का अस्तित्व सत्य है। यदि हम आत्मा से जुड़ सकते हैं, तो सत्य के रूप में हमारा वास्तविक स्वरूप हमारे जीवन को नियंत्रित करेगा और हमें भय से मुक्त करेगा।

क्या सांसारिक प्रेम से बढ़कर भी कोई प्रेम है?

क्या सांसारिक प्रेम से बढ़कर भी कोई प्रेम है?

ये सभी बाहरी प्रेम उस महान् प्रेम की छोटी सी झलक भर हैं जो हमारी आत्मा के अंदर मौजूद है। इस दुनिया में हमने जो भी गहरे से गहरा प्रेम अनुभव किया हो, उसे यदि हम दस गुणा या सौ गुणा बढ़ा दें, तो शायद हमें उस प्रेम का हल्का सा अंदाज़ा मिल जाए जो अंतर में हमारी प्रतीक्षा कर रहा है।

अपनी आपसी संबंद्धता को पहचानें

अपनी आपसी संबंद्धता को पहचानें

आत्मा का बोध भगवान के साथ मिलन से पहले होता है। हम अपना ध्यान दुनिया के द्वार से आध्यात्मिक क्षेत्रों के द्वार तक केंद्रित केवल तभी कर सकते हैं जब हम अपनी आत्मा का अनुभव कर सकते हैं ।

हमारा सच्चा स्वरूप क्या है?

हमारा सच्चा स्वरूप क्या है?

हम ख़ुद को दो तरीकों से देख सकते हैं। पहला तरीका है ख़ुद को मुख्यतः शरीर और मन के रूप में देखना। जब हम ख़ुद को इस तरीके से देखते हैं, तो हम कहते हैं कि हम शरीर और मन हैं “जिसके पास एक आत्मा है”। दूसरा तरीका है ख़ुद को मुख्यतः आत्मा के रूप में देखना।

चिंता से मुक्ति पायें

चिंता से मुक्ति पायें

मैं आप सभी को फ़ोर्थ ऑफ़ जुलाई (चार जुलाई को मनाया जाने वाला अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस) की बधाई देता हूँ, जिस दिन कई लोग अपने देश की आज़ादी की ख़ुशी मनाते हैं। विश्व के अनेक देश अपने-अपने स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स में इस अवसर को बड़ी धूमधाम से, पटाख़ों, परेड, और पिकनिक के साथ मनाया जाता है।

ध्यानाभ्यास का वर्ल्ड कप

ध्यानाभ्यास का वर्ल्ड कप

जिस प्रकार खिलाड़ी अलग-अलग खेलों में वर्ल्ड कप के लिए स्पर्धा करते हैं, उसी प्रकार हम भी ध्यानाभ्यास का वर्ल्ड कप पाने के लिए प्रयास कर सकते हैं। वर्ल्ड कप, ओलम्पिक्स, या एन.बी.ए., एन.एफ़.एल., एन.एच.एल., एम.एल.बी., या फीफा जैसी प्रतियोगिताएँ हमें इस बात पर हैरान होने को मजबूर कर देती हैं कि इंसानी साहस से क्या-क्या संभव हो सकता है।

तनावमुक्त जीवन

तनावमुक्त जीवन

हमारा रोज़मर्रा का जीवन समस्याओं से भरा पड़ा है। जैसे ही एक समस्या सुलझती है, वैसे ही दूसरी सामने खड़ी हो जाती है। जीवन के दबाव इतने अधिक हो चुके हैं कि वो हम पर शारीरिक व मानसिक, दोनों रूप से प्रभाव डालते हैं। इसीलिए कोई आश्चर्य नहीं है कि आज लोग अत्यधिक तनाव और दबाव के बोझ तले जी रहे हैं। तो क्या कोई ऐसा तरीका है जिस से हम तनावमुक्त जीवन बिता सकें?

कार्यस्थल पर शांत कैसे रहें

कार्यस्थल पर शांत कैसे रहें

रोज़मर्रा के जीवन से गुज़रते हुए, हम शायद ही कभी अपने शब्दों या कार्यों की ओर ध्यान देते हैं। जो कुछ भी हो रहा होता है, हम उसके लिए बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देते हैं और परिणाम के बारे में ज़रा सा भी ख़याल नहीं करते।

ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने आंतरिक स्पा में जायें

ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने आंतरिक स्पा में जायें

जब हम आराम करने के लिए छुट्टियों पर जाने की बात सोचते हैं, तो कई लोग स्पा में जाना पसंद करते हैं। स्पा इसीलिए बनाए जाते हैं ताकि हमारे शरीर और मन को पूर्ण विश्राम मिल सके। एक रिपोर्ट के अनुसार, केवल यूनाइटेड स्टेट्स में ही उस हज़ार से ज़्यादा स्पा हैं, और पूरी दुनिया में तो इससे कहीं ज़्यादा हैं। “स्पा” लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है “पानी से स्वास्थ्य”। शताब्दियों से, लोग मानते आए हैं कि खनिजों से भरपूर गर्म पानी में नहाने से अनेक रोग ठीक हो जाते हैं। पुराने ज़माने में, इसे “पानी लेना” कहा जाता था। माना जाता है कि इससे हमारे शरीर और मन का कायाकल्प हो जाएगा।

एक स्वस्थ जीवनशैली के उपाय

एक स्वस्थ जीवनशैली के उपाय

हम में से हरेक के पास यह शक्ति है कि एक स्वस्थ जीवन का निर्माण कर सके। जो चुनाव हम आज करते हैं, वो कल हमारे शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। तो आज जो हम करेंगे, वो महीनों या सालों बाद, भविष्य की हमारी सेहत को प्रभावित करेगा।

शाकाहार और अध्यात्म

शाकाहार और अध्यात्म

जो लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर करना चाहते हैं, उनके लिए यह जान लेना आवश्यक है कि आज अनेकों डॉक्टरों द्वारा शाकाहार को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो बताते हैं कि शाकाहार से हमारे शरीर को अधिकतम पोषण मिलता है, तथा साथ ही माँसाहारी भोजन से होने वाली कई बीमारियों से भी बचाव हो जाता है। जब हम शाकाहारी भोजन के बारे में सोचते हैं, तो ज़्यादातर लोग इसके स्वास्थ्य-संबंधी लाभों की ओर ही ध्यान देते हैं।

शाकाहार और ध्यानाभ्यास के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य

शाकाहार और ध्यानाभ्यास के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य

लाइल/नेपरविल, इलिनोई, में आयोजित वैजी फ़ैस्ट (शाकाहार महोत्सव), जिसमें देश-विदेश से लगभग 40,000 लोग आते हैं, में ‘शाकाहार और ध्यानाभ्यास के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य’, व्याख्यान का एक लोकप्रिय विषय है। वैजी फ़ैस्ट में मेडिकल डॉक्टर, खान-पान विशेषज्ञ, और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, अनेक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी व्याख्यान देते हैं, जिनमें उन शोधों के बारे में बताया जाता है जो दर्शाते हैं कि शाकाहार और ध्यानाभ्यास हमारे शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं।

ध्यानाभ्यास उत्प्रेरक

ध्यानाभ्यास उत्प्रेरक

रूहानी ख़ज़ानों की सुप्त चिंगारी आपके भीतर मौजूद है। वो जल उठने के लिए एक उत्प्रेरक (कैटेलिस्ट) की प्रतीक्षा कर रही है, ताकि उसकी चमकीली लौ प्रज्ज्वलित हो सके। ध्यानाभ्यास के सिद्धांत, उन्हीं वैज्ञानिक सिद्धांतों के समान हैं जिनके अनुसार यह ग्रह चल रहा है। जो नियम हमारे भौतिक संसार को नियंत्रित करते हैं, वो उन्हीं नियमों के प्रतिबिंब हैं जो आंतरिक मंडलों का संचालन कर रहे हैं।

आध्यात्मिक विज्ञान

आध्यात्मिक विज्ञान

विज्ञान हमेशा उन चीज़ों को समझने की कोशिश करता रहता है जो समझ से बाहर होती हैं, उन चीज़ों को सुलझाने की कोशिश करता है जो सुलझाई नहीं जा सकतीं, और उन चीज़ों को जानने की कोशिश करता है जो जानी नहीं जा सकतीं। वैज्ञानिक, जीवन की गुत्थियों को सुलझाने के लिए अपने आपको समर्पित कर देते हैं। इंसान की ज्ञान की प्यास के कारण ही, हम जीवन के सभी पहलुओं का गहन अध्ययन करते हैं, ताकि सभी चीज़ों का क्यों और कैसे जान सकें।

हर वक़्त धूप

हर वक़्त धूप

पूरे विश्व में लोग मौसम के बारे में चिंतित रहते हैं। लोग अच्छा-ख़ासा समय स्थानीय मौसम के पूर्वानुमानों की रिपोर्ट सुनने और पढ़ने में लगा देते हैं। पूर्वानुमान बताने वाले सभी को बताते हैं कि अगले दिन का मौसम कैसा होगा।

जहाँ भी मैं यात्रा करता हूँ, मुझे पता चलता है कि विभिन्न प्रकार के मौसम विभिन्न देशों और इलाकों के लोगों को कैसे प्रभावित करते हैं।

अपनी आत्मा की बुद्धिमत्ता के साथ जुड़िए

अपनी आत्मा की बुद्धिमत्ता के साथ जुड़िए

आत्मा के अनेक बहुमूल्य गुणों में से एक है बुद्धिमत्ता। अपनी आत्मा और उसके गुणों के साथ जुड़ने से हमारा जीवन समृद्ध और परिवर्तित हो जाता है। हम अपनी आत्मा की शक्ति के साथ कैसे जुड़ सकते हैं, ताकि इसकी बुद्धिमत्ता से लाभ उठा सकें? ध्यानाभ्यास के द्वारा हम इस अंदरूनी बुद्धिमत्ता के साथ जब चाहे, किसी भी समय, जुड़ सकते हैं।

ध्यानाभ्यास आपसी सहयोग को बढ़ाता है

ध्यानाभ्यास आपसी सहयोग को बढ़ाता है

दूसरों के साथ मिलकर काम करने को लेकर दो विचारधारायें हैं। पहली विचारधारा कहती है कि अगर आपको कोई कार्य करना है, तो आप स्वयं उसे करिए और अकेले ही करिए। दूसरी विचारधारा कहती है कि दूसरों के साथ मिलकर काम करना ज़रूरी है। जैसे-जैसे आधुनिक जीवन अधिक जटिल होता जा रहा है, एक-दूसरे पर निर्भर करना हमारी आवश्यकता बन चुका है। सब चीज़ों को सही ढंग से चलाने के लिए आपसी सहयोग बेहद ज़रूरी है।

ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक शांति पर केंद्रित रहें

ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक शांति पर केंद्रित रहें

बाहरी संसार हर समय हमारे मस्तिष्क और इंद्रियों को कोई न कोई जानकारी और सूचना भेजता रहता है। हमारे आसपास के वातावरण से संदेश लगातार हमारे मस्तिष्क में जाते रहते हैं, जो फिर इन संदेशों पर कार्य करता है। बाहरी दुनिया की कभी न रुकने वाली प्रतियोगिता हर समय हमारे ध्यान को अपनी ओर खींचे रहती है। ऐसे में, शांति प्राप्त करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

अपने आंतरिक स्पा में आराम करिए

अपने आंतरिक स्पा में आराम करिए

क्या आप ज़्यादातर समय तनाव में रहते हैं? क्या आपका जीवन बहुत ही तेज़ गति से चल रहा है, जिसमें आपको निर्धारित समय में काम पूरे करने होते हैं लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता? क्या आप कार्यस्थल पर कई काम एक साथ करने के कारण दबाव महसूस करते हैं? क्या आप सोचते हैं कि काश इस तनाव को कम करके आराम कर सकें?

अपने अंदर युवावस्था के स्रोत से जुड़ें

अपने अंदर युवावस्था के स्रोत से जुड़ें

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है और हम वृद्धावस्था के बारे में चिंता करने लगते हैं, तो आज के ज़माने में कई लोग अलग-अलग तरीकों से अपनी युवावस्था कायम रखने की कोशिश करते हैं। वो शारीरिक व्यायाम करते हैं, स्वास्थ्यवर्धक खाना खाते हैं, या डॉक्टरी विधियों से अपने चेहरे या शरीर से बढ़ती उम्र के निशान मिटाने की कोशिश करते हैं। क्या ध्यानाभ्यास हमें युवा रहने में मदद कर सकता है?

ध्यानाभ्यास के द्वारा शरीर को आरोग्य रखना

ध्यानाभ्यास के द्वारा शरीर को आरोग्य रखना

डॉक्टर और वैज्ञानिक हमारे शरीर और मन के आपसी संबंध, तथा शारीरिक रूप से आरोग्य रहने में इसकी भूमिका, के बारे में काफ़ी खोज कर रहे हैं। चिकित्सा शोधकर्ता कुछ बीमारियों को हमारी मानसिक और भावनात्मक अवस्था से जुड़ा हुआ बताते हैं। उन्होंने पाया है कि जब हम मानसिक तनाव, भावनात्मक पीड़ा, या गहरी निराशा और उदासी के दौर से गुज़रते हैं, तो हमारे शरीर की बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति में कमी आती है।

Time Management for Goal Setting

Time Management for Goal Setting

Many feel life is passing by too quickly. We move from one season to the next and wonder where time went. Days, months, and years fly by at tremendous speed and we can’t seem to get anything we want done. Is there any way to use time-management for goal setting?

ध्यानाभ्यास संबंधी सुझाव

ध्यानाभ्यास संबंधी सुझाव

हमारे अंतर में सदा-सदा की शांति और ख़ुशियाँ पाने का प्रवेशद्वार मौजूद है। लेकिन इन ख़ज़ानों तक पहुँचने के लिए हमें ध्यानाभ्यास करने की, मौन अवस्था में बैठने की, और अंतर में एकाग्रता बनाए रखने की, आवश्यकता है।

जीवन के दुखों का इलाज

जीवन के दुखों का इलाज

टीवी, अख़बार, पत्रिकाओं, ब्लॉग्स, इंटरनेट, स्मार्टफ़ोन, टैबलेट, या अन्य माध्यमों से हमें हर समय विश्व के किसी न किसी हिस्से में किसी न किसी आपदा की ख़बर मिलती रहती है। स्थानीय, राष्ट्रीय, या अंतर्राष्ट्रीय समाचारों में हमेशा कोई न कोई परेशानी या समस्या सुर्ख़ियों में बनी ही रहती है।