हमारा सच्चा स्वरूप क्या है?

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

Woods reflect benefits to meditation Rajinder SinghThere are two ways to view ourselves. The first is to view ourselves primarily as a body and mind. When we see ourselves in this manner, we say that we are a mind and body that “have a soul.” The second is to see ourselves primarily as a soul. When we change perspective and identify with the soul, we say that we are a soul who “has or wears a mind and body.”

 
If we think we are a mind and body, then ours is a journey to find the soul. If we realize that we are the soul, which has been given a mind and body to maneuver through the physical world, then our goal is to further empower the soul.
 
 What is our true nature Sant Rajinder Singh
 
We are not just a physical body, but we are also the soul or spirit behind the body. It is the soul that gives us life. When the soul is in the body, we are physically alive. When the soul leaves the body at the time of death, the body ceases to exist.
 
The body may perish, but the soul that inhabits it is immortal. The soul continues to exist after our physical death. The process of finding the soul is referred to as “tapping into” or “discovering our soul within us.”
 
 
When we finally do discover our soul we can identify with it as being our true nature. Then the soul is referred to as the “empowered soul,” a soul that has recognized itself and is aware that it is the essence of who we really are, that it is the guiding power behind the body and mind.
 
By empowering the soul, we recover its natural control over the mind and senses.
 

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लेखक के बारे में

Sant Rajinder Singh Ji sos.org

 

 

 

 

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।

 

 

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