https://perf.stage.aws.cdn.wp.sos-dev.org/hi/stress-relief/0 तनावमुक्त जीवन - संत राजिंदर सिंह

तनावमुक्त जीवन

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

हमारा रोज़मर्रा का जीवन समस्याओं से भरा पड़ा है। जैसे ही एक समस्या सुलझती है, वैसे ही दूसरी सामने खड़ी हो जाती है। जीवन के दबाव इतने अधिक हो चुके हैं कि वो हम पर शारीरिक व मानसिक, दोनों रूप से प्रभाव डालते हैं। इसीलिए कोई आश्चर्य नहीं है कि आज लोग अत्यधिक तनाव और दबाव के बोझ तले जी रहे हैं। तो क्या कोई ऐसा तरीका है जिस से हम तनावमुक्त जीवन बिता सकें?

हो सकता है कि आप किसी आर्थिक समस्या से जूझ रहे हों, और जीवनयापन करने के लिए बहुत संघर्ष कर रहे हों। जब आख़िरकार वो दिन आ जाता है जब आपको कुछ अतिरिक्त पैसे मिलते हैं, तो आपको पता चलता है कि आपकी कार ख़राब हो गई है और आपको मिली अतिरिक्त आमदनी उस कार को ठीक करवाने में या नई कार ख़रीदने में ही ख़त्म हो जाती है। जब हम उस मुसीबत से बाहर आ जाते हैं, तो हो सकता है कि हमारे परिवार में कोई बीमार पड़ जाए। साथ ही, हो सकता है कि हमारे सहकर्मियों के साथ हमारे संबंधों में भी दरार आ जाए। जब हम उस समस्या को सुलझाने चलें, तो हो सकता है कि हमारे घर की छत टपकने लगे और हमें उसकी मरम्मत की ओर ध्यान देना पड़े। कुछ समय बाद हम थककर यह सोचने लगते हैं कि क्या कोई ऐसा समय भी आएगा जब हमारे जीवन में कोई समस्या नहीं रहेगी? हमें लगने लगता है कि केवल हम ही हैं जिसके जीवन में लगातार मुसीबतें आती रहती हैं। लेकिन अगर हम अपने आसपास के लोगों से पूछें, तो हमें पता चलेगा कि उनका जीवन भी मुश्किलों से भरपूर है। ऐसा लगता है मानो इंसान की समस्याओं का कोई अंत ही नहीं है।

आधुनिक जीवन के मानसिक व भावनात्मक तनाव

हम देखते हैं कि आज कई लोग व्यग्रता, भय, अवसाद, और तरह-तरह की आशंकाओं से घिरे रहते हैं। मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों, और अन्य चिकित्सकों के ऑफ़िस ऐसे लोगों से भरे रहते हैं जो जीवन के संघर्षों का सामना नहीं कर पा रहे हैं। वे अपनी समस्याओं से जूझ नहीं पा रहे हैं। उन्हें आर्थिक नुकसान की चिंता खाए जाती है। वे टूटे विवाह या टूटे घर की तकलीफ़ से गुज़र रहे होते हैं। कुछ अन्य किसी प्रियजन के खो जाने से पैदा होने वाले अकेलेपन का शिकार होते हैं। कुछ लोग तो जीवन में इतने अधिक निराश हो चुके होते हैं कि उन्हें भविष्य में कोई आशा की किरण नज़र ही नहीं आती है।

शारीरिक तनाव

तनाव और दबाव केवल हमारे मन और भावनाओं पर ही असर नहीं डालते। शोध के द्वारा दर्शाया जा चुका है कि हमारे शरीर और मन के बीच सीधा संबंध है। हमारी मानसिक अवस्था हमारे शरीर में तनाव-संबंधी बीमारियों को जन्म दे सकती है। परीक्षणों ने दर्शाया है कि जब हम गुस्से में होते हैं या भावनात्मक रूप से परेशान होते हैं, तो हमारे शरीर में ऐसे हॉरमोन उत्पन्न होते हैं जो इसे लड़ने या भागने (fight or flight) के लिए तैयार करते हैं। लेकिन क्योंकि हमारे समाज के नियम हमें यही सिखाते हैं कि हम समस्याओं का सामना शांत भाव से और व्यावहारिक तरीके से करें, इसीलिए हम लड़ने या भागने के बजाय स्थिति का सामना करते हैं, तथा इन हॉरमोनों को अपने अंदर ही दबा लेते हैं।

इसका परिणाम यह होता है कि ये हॉरमोन हमारे शरीर पर प्रभाव डालते हैं और तनाव-संबंधी बीमारियाँ पैदा करते हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, साँस की बीमारी, पाचन संबंधी रोग, सिरदर्द, माँसपेशियों में दर्द, त्वचा रोग, तथा ऐसी ही अन्य परेशानियाँ। ज़रूरी नहीं कि इन बीमारियों का इलाज करने के लिए हम लड़कर गुस्सा निकालना शुरू कर दें या परिस्थितियों से भाग निकलें, क्योंकि ऐसी प्रतिक्रियाओं से तो हमारे रिश्तों में और ज़्यादा मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। तो हमें स्वयं को बीमार करने वाले, तनाव के मानसिक, भावनात्मक, और शारीरिक प्रभावों से बचने के लिए कोई अन्य सकारात्मक उपाय ढूंढना चाहिए।

तनावमुक्त जीवन के लिए ध्यानाभ्यास रूपी उपाय

आज लोग जीवन के भावनात्मक और मानसिक तनावों से बचने के लिए ध्यानाभ्यास की ओर मुड़ रहे हैं। ध्यानाभ्यास हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभकारी है। यह सुरक्षित है, प्रभावशाली है, और बिल्कुल मुफ़्त है। जब एक बार हम ध्यानाभ्यास करना सीख लेते हैं, तो हम अपने भीतर हर समय एक औषधि लिए घूमते हैं, जिसका इस्तेमाल हम किसी भी समय और किसी भी स्थान पर कर सकते हैं।

ध्यानाभ्यास दो तरीके से हमारी सहायता करता है। पहला, ये हमारे शरीर को आराम पहुंचाता है। दूसरा, ये हमें एक ऐसी अवस्था में ले जाता है जहाँ हम बेहद ख़ुशी व सुकून का अनुभव करते हैं, तथा बाहरी संसार की समस्याओं को भूल जाते हैं।

ध्यानाभ्यास के द्वारा हम जीने की वो कला सीख लेते हैं जो हमें ज़िंदगी के तनावों और दबावों से ऊपर उठने में मदद करती है। हम शांति व सुकून प्राप्त करने का तरीका खोज लेते हैं।

और अधिक जानना चाहेंगे?

आध्यात्मिक वसंत की साफ़-सफ़ाई

जब हम अपने विचारों को साफ़ करने की ओर ध्यान देते हैं, तो हमें देखना होता है कि हम अपने कौन-कौन से पहलुओं की सफ़ाई करना चाहते हैं। हमें यह समझना होता है कि हमारे मन और हृदय में कौन-कौन सी चीज़ें ग़ैर-ज़रूरी हैं और हमें प्रभु के प्रेम को अनुभव करने से रोक रही हैं।

आगे पढ़िए

अपना उपचार करना और विश्व का उपचार करना

मैं आपके सामने एक ऐसा समाधान रखना चाहता हूँ जो परिणाम अवश्य देगा – हम में से हरेक अपना उपचार करे। यदि हम ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने शरीर, मन, और आत्मा का उपचार कर सकें, तो हम विश्व की जनसंख्या में एक और परिपूर्ण इंसान जोड़ पायेंगे।

आगे पढ़िए

क्रोध पर काबू पाना

हमारे मन की शांति को सबसे बड़ा ख़तरा क्रोध से होता है। कार्यस्थल पर, हम पाते हैं कि हमें अक्सर अपने बॉस, अपने सहकर्मियों, या अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर गुस्सा आता रहता है। मुश्किल से ऐसा एक भी दिन गुज़रता होगा जब कार्यस्थल पर कोई व्यक्ति या कोई चीज़ हमारे मन की शांति को भंग नहीं करती है। हम देखते हैं कि घर में भी हमारी प्रतिक्रियाएँ अक्सर क्रोधपूर्ण होती हैं।

आगे पढ़िए

ध्यानाभ्यास के द्वारा क्रोध और तनाव पर काबू कैसे पायें

क्रोध और तनाव आज हमारे जीवन के नाटक में अनचाहे किरदारों की तरह जगह बना चुके हैं। यहाँ कुछ व्यवहारिक तरीके दिए गए हैं जिनका इस्तेमाल कर हम इन पर काबू पा सकते हैं।

आगे पढ़िए