शाकाहार और ध्यानाभ्यास के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

लाइल/नेपरविल, इलिनोई, में आयोजित वैजी फ़ैस्ट (शाकाहार महोत्सव), जिसमें देश-विदेश से लगभग 40,000 लोग आते हैं, में ‘शाकाहार और ध्यानाभ्यास के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य’, व्याख्यान का एक लोकप्रिय विषय है। वैजी फ़ैस्ट में मेडिकल डॉक्टर, खान-पान विशेषज्ञ, और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, अनेक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी व्याख्यान देते हैं, जिनमें उन शोधों के बारे में बताया जाता है जो दर्शाते हैं कि शाकाहार और ध्यानाभ्यास हमारे शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं।

Vibrant vegan salad

शाकाहार और ध्यानाभ्यास के लाभ

शाकाहार और ध्यानाभ्यास, दोनों के ही बहुत सारे लाभ हैं। अध्ययन दर्शाते हैं कि ध्यानाभ्यास करने से और शाकाहारी भोजन खाने से हृदयरोग, पक्षाघात, डायबिटीज़, और कुछ तरह के कैंसर होने की संभावना में कमी आती है। इससे सूजन और जलन में भी कमी आती है, जिससे और कई बीमारियों के होने का ख़तरा टल जाता है।

हमारे शरीर और मन के स्वास्थ्य में सुधार लाने के साथ-साथ, ध्यानाभ्यास और शाकाहारी भोजन हमारे आत्मिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। हम ज़्यादा आसानी से स्थिर हो पाते हैं और इसीलिए ज़्यादा आसानी से ध्यान टिका पाते हैं, तथा अंतर में पूर्ण रूप से एकाग्र होकर रूहानी ख़ज़ानों का आनंद ले पाते हैं।

ध्यान टिकाने का अभ्यास करने से लोग अपने आत्मिक स्वरूप के साथ जुड़ पाते हैं। हम घर में, या बाहर कहीं पर भी, एक आरामदायक आसन में बैठकर, अपने अंतर में एकाग्र हो सकते हैं और उन देनों का अनुभव कर सकते हैं जो हमारे भीतर मौजूद हैं।

हमारे अंदर एक आत्मिक सार-तत्त्व मौजूद है, जो हमारे भौतिक शरीर से अलग अस्तित्व रखता है। जब हम अपने उस आत्मिक सार-तत्त्व के साथ जुड़ जाते हैं, तो हम यह भी जान जाते हैं कि हमारे भीतर कौन-कौन से रूहानी ख़ज़ाने मौजूद हैं।

वैजी फ़ैस्ट के लिए लोगों की प्रतिक्रिया देखकर बहुत प्रोत्साहन मिलता है। इससे पता चलता है कि लोग शाकाहार और ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने की ओर ध्यान दे रहे हैं, ताकि उनका शरीर, मन, और आत्मा स्वस्थ हो सके।

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शाकाहार क्यों?

जो आहार हम चुनते हैं, वो हमारे स्वास्थ्य के सभी पहलुओं को और हमारे पर्यावरण को प्रभावित करता है। अलग-अलग पृष्ठभूमियों और संस्कृतियों के लोग शाकाहार को अपना रहे हैं, और आज शाकाहार काफ़ी प्रसिद्धि पा चुका है। यहाँ तक कि कई लोग कहते हैं कि अब हमें दूसरों से यह नहीं पूछना चाहिए कि “क्या आप शाकाहारी या वीगन (जो लोग पशु-उत्पादों का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करते, जैसे दूध या दूध से बनी चीज़ें) हैं?”, बल्कि यह पूछना चाहिए कि “आप क्यों नहीं हैं?”

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शाकाहारी होने के लाभ

एक कहावत है, “जैसा आप खाते हैं, वैसे ही आप बन जाते हैं”। पूर्वी देशों में, जहाँ हज़ारों सालों से शाकाहार ही प्रमुख भोजन रहा है, वहाँ लोग यह जानते हैं कि जो कुछ भी हम खाते हैं, वो हमारे शरीर का हिस्सा बन जाता है और हमारे विचारों पर भी प्रभाव डालता है।

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एक स्वस्थ जीवनशैली के उपाय

हम में से हरेक के पास यह शक्ति है कि एक स्वस्थ जीवन का निर्माण कर सके। जो चुनाव हम आज करते हैं, वो कल हमारे शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। तो आज जो हम करेंगे, वो महीनों या सालों बाद, भविष्य की हमारी सेहत को प्रभावित करेगा।

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