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कृतज्ञता

कृतज्ञता

कृतज्ञता संत राजिन्दर सिंह जी महाराज 26 नवम्बर 2020 त्यौहारों के इस मौसम में, समय है कृतज्ञता दर्शाने का। प्रभु द्वारा मिली देनों के लिए कृतज्ञता दर्शाने का एक तरीका है ध्यानाभ्यास। इस दुनिया में हमें जो कुछ मिला है – इंसानी जन्म से लेकर भोजन, कपड़े, पानी, और...
समस्त जीवन की एकता

समस्त जीवन की एकता

समस्त जीवन की एकता संत राजिन्दर सिंह जी महाराज 3 नवम्बर 2020 जब हम ध्यानाभ्यास के द्वारा अंतर में प्रभु के प्रकाश का अनुभव करते हैं, तो हम सभी लोगों में और सभी जीवों में वही प्रकाश देखने लगते हैं। हम जान जाते हैं कि हरेक व्यक्ति महत्त्वपूर्ण है, और सबके अंतर में प्रभु...

आध्यात्मिक वसंत के लिए साफ़-सफ़ाई

इस लेख में, संत राजिन्दर सिंह जी हमें कुछ व्यावहारिक सुझाव दे रहे हैं कि हम कैसे इस मौसम का सर्वोत्तम लाभ उठाते हुए अपने मन और हृदय की साफ़-सफ़ाई कर सकते हैं। पढ़ने के लिए चित्र पर क्लिक...
प्रेम की खुश्बू को फैलायें

प्रेम की खुश्बू को फैलायें

प्रेम की खुश्बू को फैलायेंसंत राजिन्दर सिंह जी महाराज21 जुलाई 2020 एक ख़ूबसूरत कथन है, “मुस्कराने में पैसे नहीं लगते हैं।” आपकी मुस्कान किसी इंसान के जीवन में उजाला ला सकती है। फिर वो इंसान अपने से मिलने वाले अन्य लोगों में भी ख़ुशियाँ बाँट सकता या सकती है। यह चक्र चलता...
अंतर में प्रभु का अनुभव करें

अंतर में प्रभु का अनुभव करें

अंतर में प्रभु का अनुभव करें संत राजिन्दर सिंह जी महाराज 16 जुलाई 2020 रेगिस्तान की रेत के ज़र्रे-ज़र्रे में प्रभु मौजूद हैं। सृष्टि के कण-कण में प्रभु मौजूद हैं। मछलियों में प्रभु हैं। कीड़े-मकौड़ों में प्रभु हैं। पशु-पक्षियों में प्रभु हैं। प्रत्येक इंसान के अंदर प्रभु...