धरती को वापस लौटाना

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

30 जून 2020

अपने ग्रह को वापस लौटाने का अर्थ है कि जब हम उससे भोजन लें, तो हम भूमि का सही रख-रखाव करें, ताकि वो हमेशा हमें भोजन देती रही। इसका अर्थ है कि जब हम एक पेड़ काटें, तो उसकी जगह दूसरा अवश्य लगायें। इसका अर्थ है कि जब हम धरती के संसाधनों का उपयोग करें, तो हम उनके नवीनीकरण के तरीके अवश्य अपनायें। इसका अर्थ है कि हम अपने ग्रह को अपने कचरे के लिए कूड़ेदान में परिवर्तित किए बिना उसका उपयोग करें। इसका अर्थ है ऐसी प्रणालियों का निर्माण और प्रयोग करना जो धरती का विनाश करने के बजाय उसे स्वस्थ और जिंदा रखें। इसका अर्थ है धरती के संसाधनों को एक ही पीढ़ी में ख़त्म कर देने के बजाय ऐसे तरीके ढूंढना जिनसे ये संसाधन आने वाले हज़ारों-लाखों सालों तक हमारे लिए उपलब्ध रहें। अगर हम धरती को वापस देंगे, तो हम पायेंगे कि धरती भी आने वाले हज़ारों-लाखों सालों तक हमें संसाधनों से भरपूर रखेगी।

शाकाहार, धरती के लिए हमारे सम्मान का प्रतीक है। माँसाहारी होने के बजाय शाकाहारी होने में संसाधनों का उपयोग कम होता है। शाकाहारियों के बजाय माँसाहारियों के लिए भोजन पैदा करने में अधिक भूमि और अधिक ऊर्जा का प्रयोग होता है। हम शाकाहार अपना कर धरती के संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैं। इससे हम अपने छोटे भाइयों-बहनों का जीवन लेने की हिंसा करने से भी बच जाते हैं।

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लेखक के बारे में

Sant Rajinder Singh Ji sos.org

 

 

 

 

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।

 

 

अतिरिक्त संदेश

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इस समय हम अपना दिल अपने साथी इंसानों के लिए खोल देते हैं, और उनका साथ पाने के लिए समय निकालते हैं जिनसे हम प्यार करते हैं और जिनके बारे में हम दूसरों से ज़्यादा सोचते हैं, तथा कोशिश करते हैं कि उन्हें दर्शा सकें कि हम उनके बारे में क्या महसूस करते हैं।

नम्रता क्या है?

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नम्रता का अर्थ है कि हम यह जानें कि हम सब एक बराबर हैं। हम हर किसी में प्रभु को देखें।

हमें अपनी आत्मा को शक्तिशाली करने की क्या ज़रूरत है?

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हमारी आत्मा मन, माया, और भ्रम की दुनिया में खो चुकी है। आत्मा को शक्तिशाली करने का अर्थ है कि हम मन और इंद्रियों को दी हुई ताकत को वापस ले लें, ताकि इनके बजाय हमारी आत्मा हमारे जीवन को नियंत्रित और निर्देशित कर सके।