ध्यानाभ्यास के शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक लाभ
ध्यानाभ्यास के शारीरिक लाभ
तनाव में कमी लाकर, ध्यानाभ्यास आपके शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है। इसके शारीरिक लाभों में से एक है तनाव-संबंधी बीमारियों के होने की संभावना को कम करना।
मेडिकल वैज्ञानिक और डॉक्टर हमें बताते हैं कि तनाव हमारे शरीर पर क्या-क्या प्रभाव डालता है। हमारे शरीर में होने वाले कई रोग, तनाव का ही परिणाम हैं। इसी वजह से, आज कई डॉक्टर अपने रोगियों को तनाव का स्तर कम करने के लिए ध्यानाभ्यास करने की सलाह देते हैं। ह्रदय-गति और रक्तचाप में कमी लाने के लिए भी ध्यानाभ्यास कारगर है। इसी तरह, शरीर की रोग-निरोधक शक्ति को बढ़ाने के लिए भी वे ध्यानाभ्यास की सलाह देते हैं। आज कई अस्पताल और क्लिनिक अपने रोगियों के लिए ध्यानाभ्यास कक्षायें भी आयोजित करते हैं।
ध्यानाभ्यास के मानसिक लाभ
ध्यानाभ्यास हमें गहन आराम की स्थिति में ले जाता है और हमारे मन को शांत करता है, जिससे हमें कई मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं।
अध्ययनों ने दर्शाया है कि ध्यानाभ्यास का हमारे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह हमारी याद्दाश्त को बढ़ाता है। यह हमारी एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति में भी बढ़ोतरी करता है। ध्यानाभ्यास हमें एकाग्रचित्त होने में सहायता करता है, चाहे एकाग्रता की ज़रूरत हमें खेलकूद में हो, पढ़ाई में हो, कार्यस्थल पर हो, या किसी हॉबी के लिए हो। एकाग्र होकर काम करने से हम अपनी प्रभावकता और उत्पादकता में बढ़ोतरी कर सकते हैं। मशहूर खिलाड़ी और विजेता बताते हैं कि ध्यानाभ्यास किस प्रकार उन्हें एकाग्र होने में मदद करता है, जब वे अपने-अपने खेल के उच्चतम स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तैयारी करते हैं।
ध्यानाभ्यास के भावनात्मक लाभ
ध्यानाभ्यास आपके भावनात्मक स्वास्थ्य में भी सुधार ला सकता है। ध्यानाभ्यास हमें अंदरूनी शांति व ख़ुशी देता है। ध्यानाभ्यास के द्वारा, आप जीवन की निराशाओं व असफलताओं से पैदा होने वाले तनाव और अवसाद को कम कर सकते हैं। जब ये चीज़ें हमारी भावनाओं से जुड़ी होती हैं, जैसे कि स्वयं को अलग-थलग या बिल्कुल अकेले महसूस करना, या किसी व्यक्ति या वस्तु के खो जाने से गहरी उदासी महसूस करना, तो विशेषज्ञों से मिलने वाली सहायता को ध्यानाभ्यास के द्वारा बढ़ाया जा सकता है।
जब आप ध्यानाभ्यास करते हैं, तो आप अपने अंतर में ख़ुशी व शांति से भरपूर स्थान में पहुंच जाते हैं। इससे आपके अंदर सकारात्मकता का भाव बढ़ता है। आप जान जाते हैं कि आपको भावनात्मक पीड़ा पहुंचाने वाली रोज़मर्रा की समस्याओं से परे, आपके भीतर परमानंद का एक सरोवर मौजूद है, जिसमें आप कभी भी डुबकी लगाकर ख़ुशियों से भरपूर हो सकते हैं। ध्यानाभ्यास आपको एक नई स्फूर्ति, ताज़गी, और ऊर्जा से भर देता है।
जब आप अंदर से ख़ुश होते हैं, तो आप अधिक शांत व संतुलित भी महसूस करते हैं। इससे एक तरंगीय प्रभाव पैदा होता है, जो दूसरों तक भी पहुंचता है। अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, साँझेदारों, सहकर्मियों, तथा पड़ोसियों व समुदाय के सदस्यों, के साथ अपने रिश्तों में सुधार लाने में भी ध्यानाभ्यास आपकी सहायता करता है।
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आध्यात्मिक वसंत की साफ़-सफ़ाई
जब हम अपने विचारों को साफ़ करने की ओर ध्यान देते हैं, तो हमें देखना होता है कि हम अपने कौन-कौन से पहलुओं की सफ़ाई करना चाहते हैं। हमें यह समझना होता है कि हमारे मन और हृदय में कौन-कौन सी चीज़ें ग़ैर-ज़रूरी हैं और हमें प्रभु के प्रेम को अनुभव करने से रोक रही हैं।
अपना उपचार करना और विश्व का उपचार करना
मैं आपके सामने एक ऐसा समाधान रखना चाहता हूँ जो परिणाम अवश्य देगा – हम में से हरेक अपना उपचार करे। यदि हम ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने शरीर, मन, और आत्मा का उपचार कर सकें, तो हम विश्व की जनसंख्या में एक और परिपूर्ण इंसान जोड़ पायेंगे।
क्रोध पर काबू पाना
हमारे मन की शांति को सबसे बड़ा ख़तरा क्रोध से होता है। कार्यस्थल पर, हम पाते हैं कि हमें अक्सर अपने बॉस, अपने सहकर्मियों, या अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर गुस्सा आता रहता है। मुश्किल से ऐसा एक भी दिन गुज़रता होगा जब कार्यस्थल पर कोई व्यक्ति या कोई चीज़ हमारे मन की शांति को भंग नहीं करती है। हम देखते हैं कि घर में भी हमारी प्रतिक्रियाएँ अक्सर क्रोधपूर्ण होती हैं।
ध्यानाभ्यास के द्वारा क्रोध और तनाव पर काबू कैसे पायें
क्रोध और तनाव आज हमारे जीवन के नाटक में अनचाहे किरदारों की तरह जगह बना चुके हैं। यहाँ कुछ व्यवहारिक तरीके दिए गए हैं जिनका इस्तेमाल कर हम इन पर काबू पा सकते हैं।