अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

2 अक्टूबर 2020

अहिंसा केवल इंसानों तक ही सीमित नहीं होती है, बल्कि पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों, कीड़े-मकौड़ों, और प्रत्येक जीव के लिए भी होती है। प्रेम, जो हम में से हरेक के अंदर सुप्त अवस्था में है, अहिंसा के द्वारा जाग जाता है, और वो प्रेम वास्तव में प्रभु का प्रेम है। एक बार जब प्रभु का प्रेम जाग उठता है, तो फिर हम किसी भी जीव को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं।

 

 

 

अहिंसा ही हमें एक सच्चा इंसान बनाती है – वैसा इंसान जैसा प्रभु हमें देखना चाहते हैं। अहिंसा के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति ही पूरे संसार की पीड़ा और तकलीफ़ को दूर कर सकता है।

अगर हम अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे, तो पूरा विश्व हमारे करीब आ जाएगा और हम पूरे विश्व के करीब आ जायेंगे। तब हम अपना जीवन इस ग्रह पर रहने वाले सभी लोगों के लिए जीने लगेंगे। सभी संघर्ष, तनाव, और युद्ध समाप्त हो जायेंगे, और अगर हम स्वयं शांत रहेंगे, तो हमारा समुदाय, हमारा देश, और पूरा विश्व शांत हो जाएगा।

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लेखक के बारे में

Sant Rajinder Singh Ji sos.org

 

 

 

 

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।

 

 

अतिरिक्त संदेश

मदर्स डे

मदर्स डे

मदर्स डे के अवसर पर आइए हम प्रभु और अपनी माँ का सम्मान करें कि वे हमें इस दुनिया में लेकर आए, तथा हमें प्यार दिया व हमारी देखभाल की। हमें केवल मई के दूसरे रविवार को ही नहीं, बल्कि अपने जीवन के प्रत्येक दिन यह कृतज्ञता का भाव बनाए रखना चाहिए।

वसंत की वापसी

वसंत की वापसी

जहाँ एक ओर वसंत का अर्थ है हरियाली और फूलों का पुनआर्गमन, वहीं दूसरी ओर यह आध्यात्मिक पुनर्जीवन का भी प्रतीक है। जिस तरह वसंत का प्रकाश, बाहरी सर्दियों के अंधकार को दूर कर देता है; उसी तरह हमारे अंदर के अध्यात्म का प्रकाश, हमारी आत्मा की लंबी अंधेरी रात का अंत कर देता है।

त्यौहार के उपहार के रूप में दयालुता फैलायें

त्यौहार के उपहार के रूप में दयालुता फैलायें

जहाँ लोग त्यौहार के लिए दुकानों में या ऑनलाइन उपहार ख़रीदते हैं, वहीं एक ऐसा उपहार भी है जो मुफ़्त में दिया जा सकता है और जो स्थाई असर भी छोड़ता है। एक अनमोल उपहार जो हम दे सकते हैं, और जिसे पैसे देकर ख़रीदना नहीं पड़ता है, वो है प्यार भरी दयालुता। प्यार भरी दयालुता दुनिया की सबसे ताकतवर शक्तियों में से एक है।