संत राजिन्दर सिंह जी महाराज द्वारा साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर का उद्घाटन
स्थानीय शहरों, यू.एस. सैनेट, और यू.एस. हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव्स के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने रिबन काटकर सेंटर की असाधारण इमारत का उद्घाटन किया। मिशन का यह नया घर प्रेम, दया, और सार्वभौमिकता का उदाहरण है, जिसमें पूर्व और पश्चिम के डिज़ाइनों का मनभावन सम्मिश्रण किया गया है, ठीक वैसे ही जैसे महाराज जी का संदेश दुनिया भर के लोगों को एकजुट करता है।
बाहर बने छोटे से ताल के सामने बनी तीन टन की The Meditator (ध्यानाभ्यर्थी) मूर्ति, जोकि साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी का लोगो (चिह्न) है और ध्यानाभ्यास में बैठे एक व्यक्ति को दर्शाता है, के सामने रिबन-कटिंग की गई। इस मूर्ति के आसपास बना ताल ध्यानाभ्यास के दौरान अनुभव की जाने वाली आंतरिक शांति व स्थिरता का प्रतीक है। मुख्य इमारत के बीचोबीच बने मुख्य हॉल में से एक गोलाकार, सुनहरा गुंबद है। हॉल के दोनों ओर शीशे की बनी अर्द्धगोलाकार बाज़ूएँ हैं। गुंबद ऊपर की ओर से खुला हुआ है, जैसे दो हाथ प्रार्थना में खुले हुए हों, प्रभु से दिव्य दया और प्रेम माँग रहे हों।
इमारत का सबसे रोचक अंग है अलग से बनी सुनहरे रंग की एक संरचना, जोकि meditation sanctuary (सैंक्च्युएरी या ध्यानाभ्यास कक्ष) है। इसका फ़र्श मुख्य इमारत से जुड़ा हुआ नहीं है, ताकि मुख्य इमारत से आने वाले कोई भी आवाज़ें या तरंगें इस तक ना पहुँचें। यह सैंक्च्युएरी केवल ध्यानाभ्यास के लिए ही है। इसकी मंद रोशनी और शांत वातावरण, लोगों को मौन में बैठने और अपने अंदर की शांति व ख़ुशी के साथ जुड़ने में मदद करता है।
इमारत के आर्किटैक्ट (वास्तुकार), गैन्सलार, विश्व की सबसे बड़ी वास्तुकला डिज़ाइन फ़र्म है, और जैनरल कॉन्ट्रैक्टर, (ठेकेदार), स्कैन्डर, ने अनेक विश्वप्रसिद्ध कंपनियों के लिए इमारतें बनाई हैं। ग्रीन स्टैन्डर्स (हरे मानकों) के मुताबिक बना साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी सेंटर, गैन्सलार और स्कैन्डर की नवीनतम असाधारण सफलताओं में से एक है।
अतिथि और वक्ता
फ़ोटोः उद्घाटन के मुख्य वक्ता, बायें से दायें – व्हीटन मेयर माइकल ग्रैस्क; संत राजिन्दर सिंह जी महाराज की पत्नी, माता रीटा जी; संत राजिन्दर सिंह जी महाराज; यू.एस. कॉन्ग्रैसमैन बिल फ़ॉस्टर; लाइल विपेज मेयर क्रिस पीकैक।
उद्घाटन कार्यक्रम में, रिबन-कटिंग के बाद, अनेक सम्मानीय अतिथियों ने मुख्य हॉल के स्टेज से अपने-अपने संदेश दिए। सबसे पहले श्रोताओं को संबोधित करते हुए संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिसके बाद उन्होंने मेडिटेशन सेंटर के चार मुख्य उद्देश्य बताए। उन्होंने कहा, “हमारे अंदर ज्ञान का एक महान् स्रोत हमारी प्रतीक्षा कर रहा है। केवल इंटरनेट पर लॉग ऑन करने के बजाय, हम रोज़ाना थोड़ा समय निकालकर अपने अंतर में लॉग इन कर सकते हैं, ताकि हम उस ज्ञान तक पहुँच सकें और अपने जीवन को समृद्ध बना सकें। हम जान सकते हैं कि हम कैसे ध्यानाभ्यास के द्वारा अपनी व्यक्तिगत शरणास्थली तक पहुँच सकते हैं, जिससे हम आंतरिक व बाहरी शांति और स्थाई ख़ुशियाँ पा सकते हैं। ध्यानाभ्यास हमें अपने आत्मिक पहलू को और आंतरिक ख़ज़ानों को खोजने में मदद करता है।”
इलिनोई की 11वीं डिस्ट्रिक्ट के यू.एस. कॉन्ग्रैसमैन, बिल फ़ॉस्टर, ने कहा कि साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी कैसे अलग-अलग पृष्ठभूमियों के लोगों को एक साथ लाने में सफल रहा है। “मैं बता नहीं सकता कि मैं श्रोताओं की विभिन्नता देखकर कितना गर्व महसूस कर रहा हूँ। यह विभिन्नता इन समुदायों की, इलिनोई राज्य की, यूनाइटेड स्टेट्स की और संपूर्ण मानवता की विभिन्नताओं को प्रतिबिंबित कर रही है। इन सभी का प्रतिनिधित्व करने के लिए आपको धन्यवाद।”
कैथरीन क्रूगर, पी.एच.डी., ने इलिनाई के यू.एस. सेनेटर, डिक डर्बिन, का पत्र पढ़कर सुनायाः “एक पुरानी कहावत हैः कम सामान के साथ यात्रा करो, कम चीज़ों के साथ जियो, रोशनी फैलाओ, रोशनी बनो। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी सालों से लाइल, इलिनोई, की रोशनी रहा है, और आज, इसके नए मेडिटेशन सेंटर के उद्घाटन के साथ, वो रोशनी और ज़्यादा चमक उठी है। इस समुदाय के लिए आप जो कुछ भी करते आए हैं और आगे करते रहेंगे, उसके लिए धन्यवाद। आपका कार्य बहुत महत्त्वपूर्ण है और उन सभी के जीवन में एक अर्थपूर्ण फ़र्क ला रहा है जिन तक आप पहुँच रहे हैं।”
यू.एस. सेनेटर, टैमी डकवर्थ, की शिकागो डायरेक्टर, मरीना फ़ैज़-हपर्ट, ने सेनेटर का बधाई-पत्र पढ़कर सुनाया, जिसमें कहा गया था, “मैं जीवन के सभी क्षेत्रों से आने वाले लोगों की सहायता करने और आपसी शांति को बढ़ावा देने के सेंटर के मिशन की विशेष तौर पर सराहना करता हूँ। आपके प्रयास दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने के लिए, तथा दयालुता, अच्छाई, और सद्भावना का प्रसार करने के लिए, महत्त्वपूर्ण हैं।”
न्यूयॉर्क से आईं यू.एस. प्रतिनिधि, ग्रेस मेन्ग, ने यू.एन. के साथ मिशन के पुराने संबंधों का उल्लेख करते हुए, लोगों के जीवन को समृद्ध बनाने के मिशन के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने लिखा, “मैं समुदाय के सदस्यों और अन्य लोगों की सहायता करने की साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी की अविचल प्रतिबद्धता की सराहना करती हूँ।”
भविष्य की ओर देखना
ये सभी धन्यवाद और तारीफ़ें संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के अथक प्रयासों का ही प्रमाण हैं, जिनका मानवता को लेकर स्वप्न व्यक्तिगत भी है और वैश्विक भी। इस स्वप्न के अंतर्गत सभी लोग अपने आंतरिक अस्तित्व का सच्चा महत्त्व जान लेंगे। ध्यानाभ्यास के द्वारा हम प्रेम और करुणा के साथ विश्व की सेवा करने की अपने प्रतिबद्धता को और अधिक गहरा करते हैं। ध्यानाभ्यास के द्वारा हम जान जाते हैं कि सभी जीव महत्त्वपूर्ण हैं और प्रभु के एक ही परिवार के सदस्य हैं।
सितम्बर में जब मेडिटेशन सेंटर के द्वार जनता के लिए खुलेंगे, तो समुदाय को न केवल एक शांति-स्थल मिलेगा जहाँ वे ध्यानाभ्यास में समय बिता पायेंगे, बल्कि विभिन्न कार्यशालाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों के लिए पंजीकरण भी करवा पायेंगे। ये सभी, साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के अन्य कार्यक्रमों की तरह ही, निशुल्क होंगे। शाकाहारी भोजन पकाने की कक्षाओं से लेकर ध्यानाभ्यास सीखने और ध्यानाभ्यास गतिविधियों में शामिल होने तक, मेडिटेशन सेंटर समुदाय को बहुत सारी गतिविधियों का उपहार देगा। इनमें सभी का स्वागत है।
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