5 अक्टूबर 2019

दिव्य सुंदरताः स्त्रियों का रिट्रीट कार्यक्रम

साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी में आयोजक जब भी स्त्रियों के लिए किसी रिट्रीट कार्यक्रम की योजना बनाते हैं, उन्हें पता होता है कि उसमें प्रतिभागियों की संख्या बहुत अधिक होगी। हाल ही में, 5 अक्टूबर को लाइल, इलिनोई, के साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर में आयोजित किए गए “दिव्य सुंदरताः स्त्रियों का रिट्रीट कार्यक्रम” में दो सौ से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। ये रिट्रीट कार्यक्रम एक चुम्बक की तरह हैं – ये एक गहरी आध्यात्मिक भूख को शांत करते हैं, जिसकी वजह से आज बढ़ती हुई संख्या में स्त्रियाँ अध्यात्म को एक स्त्री के दृष्टिकोण से अनुभव करना चाहती हैं।

स्त्रियों का पहला रिट्रीट कार्यक्रम

साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी का पहला रिट्रीट कार्यक्रम, जिसका नाम था “स्त्रियों का रिट्रीट कार्यक्रम” दस वर्ष पूर्व बॉस्टन, मैसेच्युसैट्स, में आयोजित किया गया था। चार महिलाओं ने “जीवन का चक्र” विषयवस्तु पर अपने विचार प्रकट किएः अपने बच्चों को आध्यात्मिक बनाना, जीवन के मध्यवर्ती काल का संकट, व्यावसायिक महिला, तथा अध्यात्म और उम्र का बढ़ना।

इन व्याख्यानों में चर्चा की गई कि ध्यानाभ्यास हमारे जीवन के विभिन्न चरणों में किस तरह हमारी मदद करता है, जिन चरणों से सभी स्त्रियों को गुज़रना पड़ता है। हरेक वक्ता ने अपनी स्वयं की पृष्ठभूमि और जीवन-अनुभव के बारे में बताया। हरेक ने दिल से बताया कि किस तरह ध्यानाभ्यास ने उन्हें जीवन के मुश्किल दौरों से निपटने में मदद की, किस तरह ध्यानाभ्यास ने उन्हें दूसरों के गुस्से से बचाया और उनके ख़ुद के गुस्से को कम किया, तथा किस तरह ध्यानाभ्यास के दौरान हुए अनुभवों ने और अपनी अंदरूनी दिव्यता (आत्मा) के साथ संपर्क से मिली ताकत ने उन्हें बढ़ती हुई आयु को बिना डरे स्वीकार करना सिखाया।

जब स्त्रियाँ ऐसे वातावरण में इकट्ठा होती हैं जहाँ उन्हें खुलकर बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तो वहाँ कुछ ख़ास ही बात होती है। दीवारें गिर जाती हैं। जब इस वातावरण में ध्यानाभ्यास भी शामिल हो जाता है, तो चारों ओर प्यार ही प्यार फूट पड़ता है। हँसी के ठहाकों के साथ-साथ आँसु भी दिल का हाल बयाँ करते हैं। इन कार्यक्रमों के लिए प्रतिक्रिया बहुत ही सकारात्मक रही है।

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लाइल, इलिनोई, में अक्टूबर का कार्यक्रम

एस.ओ.एस. सेंटर में अक्टूबर में आयोजित रिट्रीट में स्त्रियों के अंदर मौजूद दिव्यता के तीन स्वरूपों पर परिचर्चा की गईः “युवावस्था, मातृ-शक्ति, और बुद्धिमता का रूप”। इस व्याख्यान में बताया गया कि इन तीनों रूपों के द्वारा एक स्त्री अपनी आंतरिक बुद्धिमता के संपर्क में कैसे आ सकती है, तथा अपने आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर कैसे तरक्की कर सकती है।

एक अन्य कार्यशाला जिसने प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया, वो थी “ख़ुशी पाने के लिए छुपी हुई मेहनतः क्षमा करने की आदत का विकास करना”। इसमें बताया गया कि हालाँकि हम ख़ुश रहना चाहते हैं, लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि यह आसान हो। क्षमा करना मुश्किल काम है, लेकिन ख़ुशी और शांति पाने के लिए हमें इस आदत का विकास करने की मेहनत करनी ही पड़ती है।

स्त्रियों के रिट्रीट कार्यक्रम का लाभ

सालों से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी ने दस रिट्रीट कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इसका शीर्षक “दिव्य सुंदरता” हरेक स्त्री, और हरेक आत्मा, के अंदर मौजूद सुंदरता को पुष्पांजलि देता है। इन कार्यक्रमों की विषयवस्तु बदलती रहती है, व्याख्यानों के शीर्षक बदलते रहते हैं, लेकिन इस ख़ास दिन अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आने वाली स्त्रियों का एकत्रित होना ज़ारी रहा है। हर एक-दिवसीय रिट्रीट में निशुल्क शाकाहारी भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है और ध्यानाभ्यास के लिए भी समय निर्धारित होता है।

इन कार्यक्रमों में भाग लेने वाली स्त्रियाँ सभी आयु-वर्गों की होती हैं। पिछले कार्यक्रम में सबसे छोटी प्रतिभागी दस साल की और सबसे बड़ी 97 साल की थी। उन्होंने अपनी सराहना और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे संयुक्त ध्यानाभ्यास की ऊर्जा बहुत अच्छी लगी . . . . मुझे कार्यशालाओं की शांति में आनंद मिला . . . . अभूतपूर्व और शक्तिशाली स्त्रियों से मुलाकात . . . . व्याख्यान देने वालों का ज्ञान और विनम्रता।”

दिव्य सुंदरता के रिट्रीट कार्यक्रम पूरे उत्तरी अमेरिका में आयोजित किए जाते रहेंगे। मार्च 2020 में वॉशिंगटन डी.सी., ऐमिटीविल, न्यूयॉर्क, टोरन्टो, कैनेडा और पर्थ ऐम्बॉय, न्यूजर्सी में रिट्रीट कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।

साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी कार्यक्रमों की जानकारी के लिए यहाँ देखें।

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