अपनी चिंताओं को त्यागें और अंतर में उड़ान भरें: हैदाराबाद में कार्यक्रम
महाराज जी ने समझाया कि कुछ समस्याएँ काफ़ी कठिन होती हैं और हमें लगता है कि हम शायद इनसे जूझ नहीं पायेंगे। इससे हम चिंता में डूब जाते हैं। चिंता से हम निष्क्रिय हो जाते हैं और स्थिति को सुलझाने के लिए कोई कदम नहीं उठा पाते हैं।
हैदाराबाद, भारत, में आध्यात्मिक कार्यक्रम
इसके बजाय, हम निराशा की अवस्था में चले जाते हैं, जिससे हमारी सेहत पर भी असर पड़ सकता है। साथ ही, इससे हमारा ध्यान उस उद्देश्य की ओर से हट जाता है जिसे पूरा करने के लिए हमें यह इंसानी चोला दिया गया है। चिंता तब पैदा होती है जब हमें प्रभु में पूरा विश्वास नहीं होता है, महाराज जी ने फ़र्माया। हम भूल जाते हैं कि प्रभु हमसे बेहद प्रेम करते हैं और जो कुछ भी हमारे साथ होता है, वो हमारी बेहतरी के लिए ही होता है, और यह कि प्रभु सभी परिस्थितियों में हमारी देखरेख करते हैं।
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