आध्यात्मिक गुरु, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज, का यूनाइटेड नेशन्स में संदेश
साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के अध्यक्ष और विश्व-प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज, ने मई में यूनाइटेड नेशन्स (संयुक्त राष्ट्र) में अपना संदेश दिया।
इससे पहले, महाराज जी ने वर्ष 2000 में मिलैनियम वर्ल्ड सम्मिट में अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक और आध्यात्मिक अध्यक्षों के समक्ष, अध्यात्म के द्वारा आंतरिक और बाहरी शांति का अपना संदेश प्रदान किया।
सोमवार, 2 मई को, महाराज जी ने इस सम्मानित संस्था में अपना दूसरा संदेश दिया, जिसे साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के साथ-साथ यू.एन.एस.आर.सी. सैलस वैल बींग नेटवर्क क्लब के द्वारा प्रायोजित किया गया था। उनके संबोधन का विषय था “ध्यानाभ्यास के द्वारा पुल बनाना”।
फ़ोटो: यू.एन.एस.आर.सी. सैलस वैल बींग नेटवर्क की अध्यक्ष, रैवरेन्ड सुज़ैना बैस्टारिका, और संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव, बान की.मून, के विशेष सलाहकार, श्री विजय नाम्बियार, ने महाराज जी का परिचय दिया और यू.एन. में उनका स्वागत किया।
अगले एक घंटे तक, संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने श्रोताओं को ध्यानाभ्यास के लाभों के बारे में बताया, तथा समझाया कि शारीरिक आराम, तनाव में कमी, बेहतर एकाग्रता, और बेहतर रिश्ते, केवल ध्यानाभ्यास के सह-लाभ हैं, इसका मुख्य उद्देश्य नहीं हैं। ध्यानाभ्यास के द्वारा शरीर को और मन को शांत करने का मुख्य उद्देश्य है अपने अंतर में प्रभु का अनुभव करना।
महाराज जी ने यह भी कहा कि विश्व भर के अध्यक्षों से मिलने पर उन्होंने यही पाया है कि वे विवादों के लिए शांतिपूर्ण समाधान ढूंढ रहे हैं। वे जान रहे हैं कि ध्यानाभ्यास के द्वारा स्वयं शांत होने से, वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बेहतर फ़ैसले ले पाने में सक्षम होते हैं।
महाराज जी का मिशन
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के जीवन और कार्यों को प्रेम व सेवा की एक निरंतर यात्रा के रूप में वर्णित किया जा सकता है। शांति का उनका सिद्धांत: ध्यानाभ्यास के द्वारा जीवन-परिवर्तन, सभी के द्वारा पाया जा सकने वाला सिद्धांत है, जो एक-एक करके विश्व की सारी आत्माओं का उपचार कर सकता है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी का अध्यक्ष होने के नाते, उन्हें मानव एकता का प्रसार करने के वृहद प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। उन्हें इस क्षेत्र में उनके अथक प्रयासों के लिए मिले अनेक परस्कारों और सम्मानों में पाँच डॉक्टरेट उपाधियाँ भी शामिल हैं। उनका संदेश आशा और उम्मीद का संदेश है, एक प्रकाश है जो कठिन समय में अंधकार को मिटाने का कार्य करता है।
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के बारे में और उनके कार्यक्रमों के बारे में अधिक जानकारी के लिए www.sos.org पर जायें। प्रश्न? कृपया Media@sos.org पर संपर्क करें।