समस्त जीवन की एकता
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज
3 नवम्बर 2020
जिस तरह अंतरिक्ष-यात्री जब नीचे देखते हैं और उन्हें सुंदर पृथ्वी अंतरिक्ष में घूमती हुई नज़र आती है, तो वे समस्त जीवन की एकता को पहचान जाते हैं, उसी तरह हम भी सभी लोगों में प्रभु का प्रकाश देखने लगते हैं। तब हम जान जाते हैं कि हम सब एक ही मानव परिवार के सदस्य हैं।
सच्चा आध्यात्मिक विकास तब होता है जब हम जान जाते हैं कि हम सब एक हैं। यह एहसास हो जाने से हम ख़ुद को दूसरों से ऊँचा या बेहतर समझना बंद कर देते हैं। हम स्वयं को विशेष और दूसरों को अपने से नीचा या कमतर समझना बंद कर देते हैं। हम ऐसी अवस्था में पहुँच जाते हैं जिसमें हम जान जाते हैं कि हम सब महत्त्वपूर्ण हैं।
इस उच्च दृष्टिकोण के आने से, हमारे अंदर समस्त जीवन के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना आ जाती है। हम दूसरों की पर्वाह करने लगते हैं और किसी को भी दर्द में देखना नहीं चाहते हैं। हम प्रेमपूर्ण, निस्वार्थ इंसान बन जाते हैं, जो हर समय दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। अगर हर व्यक्ति जीवन की एकता के प्रति जागृत हो जाए, तो इस ग्रह पर शांति और ख़ुशी छा जाएगी।
लेखक के बारे में
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।