दोनों दुनियाओं का आनंद लेना

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज

1 मई 2020

पश्चिमी देशों में कई लोगों को यह गलतफ़हमी है कि जो लोग प्रभु की तलाश करते हैं, उन्हें अपना घर और समाज छोड़ना पड़ता है तथा जंगलों में या पहाड़ों पर जाकर रहना पड़ता है। शायद अतीत में ऐसा संभव होता हो, जब हमारी आर्थिक व्यवस्था इतनी पारस्परिक-निर्भर नहीं थी। लेकिन आज की दुनिया में नौकरी के बिना और समाज में योगदान दिए बिना कौन अपने आपको, और अपने परिवार को, पाल सकता है?

meditation both worlds

पिछली शताब्दी में, संत कृपाल सिंह जी महाराज और संत दर्शन सिंह जी महाराज जैसे महान् संतों ने हमें दर्शाया कि हम आधुनिक जीवन के परिवेश में रहते हुए भी आत्म-अनुभव और प्रभु-ज्ञान को कैसे पा सकते हैं। उनका तरीका इतना सरल और व्यावहारिक था कि उसका इस्तेमाल कर दुनिया भर के लाखों लोग एक उत्पादक, परिपूर्ण जीवन बिता पाए और साथ ही अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों को भी पूरा कर पाए।

उन्होंने हमें सिखाया कि हम दोनों दुनियाओं का आनंद ले सकते हैं। इसका अर्थ है कि हम आध्यात्मिक तरक्की करने के साथ-साथ अपने परिवार, समाज, और पूरे विश्व के प्रति सकारात्मक योगदान भी दे सकते हैं।

एक ऐसा जीवन जीने से जिसमें हम अपना आध्यात्मिक विकास करें और समाज में सकारात्मक यागदान भी दें, हम मानवता की एक महान् सेवा करते हैं। लोगों का ध्यान हमारे उच्च मूल्यों की ओर जाएगा। वे हमसे पूछेंगे कि हमारे अंदर बदलाव कैसे आया है। जब हम उन्हें बतायेंगे कि हमारे अंदर बदलाव एक आध्यात्मिक जीवन जीने से आया है, तो ज़्यादा से ज़्यादा लोग ख़ुद भी ऐसा ही आध्यात्मिक जीवन बिताने के लिए प्रेरित होंगे। लोग संसार पर इसके सकारात्मक प्रभाव, इसके व्यक्तिगत लाभ, और समाज को मिलने वाले इसके अनेक लाभों को स्वयं देख पायेंगे।

article Rajinder meditation end

लेखक के बारे में

Sant Rajinder Singh Ji sos.org

 

 

 

 

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।

 

 

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संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।

संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।

 

 

अतिरिक्त संदेश

मदर्स डे

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आइए हम आज के दिन, और हर दिन, उनके प्रेम के उपहार की क़द्र करें, इस बात को महसूस करें कि हमारी माँओं के दिलों में हमारे लिए कितना सारा प्रेम है, और हमने उस प्रेम से कितना कुछ पाया है। आइए हम उन्हें भी याद करें जिन्होंने सब माँओं को बनाया है, यानी प्रभु को, और आइए हमारी माँ का प्रेम हमें उस प्रेम की याद दिलाए जो प्रभु के अंदर हमारे लिए है।

प्रभु-प्रेम का महासागर

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जब हम प्रभु के शुद्ध़, शीशे की तरह साफ़, महासागर में तैरते हैं, तो हम अपने सच्चे अस्तित्व या आत्मा का प्रतिबिंब देख पाते हैं। उसे धुंधला करने के लिए कोई मिट्टी या गंदगी नहीं होती है। हम महासागर की गहराई में देख पाते हैं, और कोई भी चीज़ हमारे ध्यान को उस पानी की शांति की ओर से नहीं हटा पाती।

मदर्स डे

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मदर्स डे के अवसर पर आइए हम प्रभु और अपनी माँ का सम्मान करें कि वे हमें इस दुनिया में लेकर आए, तथा हमें प्यार दिया व हमारी देखभाल की। हमें केवल मई के दूसरे रविवार को ही नहीं, बल्कि अपने जीवन के प्रत्येक दिन यह कृतज्ञता का भाव बनाए रखना चाहिए।