आध्यात्मिक प्रेम का जादू
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज
5 जुलाई 2020
अध्यात्म साक्षात् दिव्य प्रेम बन जाने का अनुभव है। हम अपने व्यक्तिगत अनुभव से इसका परीक्षण कर सकते हैं। किसी ऐसे समय को याद करिए जो आपने किसी करीबी के साथ बिताया हो – पति या पत्नी, माता या पिता, संतान, या कोई और। याद करिए कि वो अनुभव कितना प्रेमपूर्ण था। क्या उस समय आपको पूरा संसार सुंदर लग रहा था? जब हम उनके साथ होते हैं जिनसे हम प्यार करते हैं, तो वो स्थान भी ख़ूबसूरत बन जाते हैं जो बाहरी रूप से ख़ूबसूरत नहीं होते हैं। जब हम किसी से प्यार करते हैं, तो चाहे वो बाहरी रूप से इतने आकर्षक न हों, फिर भी प्रेम के जादू के कारण वो हमें ख़ूबसूरत लगते हैं।
आध्यात्मिक जीवन जीने का अर्थ है ऐसी अवस्था में पहुँचना जिसमें हम हर समय दिव्य प्रेम में नहाए रहें। इसका अर्थ है अपने अंतर में प्रभु के संपर्क में आना। प्रभु प्रेम हैं। ध्यानाभ्यास के द्वारा अपने भीतर प्रभु के साथ जुड़ जाने से, हम दिव्य प्रेम के महासागर में समा जाते हैं। जब हम आध्यात्मिक प्रेम की अवस्था में पहुँच जाते हैं, तो हमें अपने आसपास की हर चीज़ सुंदर लगने लगती है। दिव्य प्रेम की दुनिया हमेशा ख़ूबसूरत ही होती है।
लेखक के बारे में
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को अध्यात्म व ध्यानाभ्यास के द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति का प्रसार करने के अपने अथक प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रूप से सम्मानित किया गया है। साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के आध्यात्मिक अध्यक्ष होने के नाते, वे संसार भर में यात्राएँ कर लोगों को आंतरिक ज्योति व श्रुति पर ध्यान टिकाने की प्रक्रिया सिखाते हैं, जिससे शांति, ख़ुशी, और आनंद की प्राप्ति होती है।
संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने ध्यानाभ्यास की अपनी प्रभावशाली और सरल विधि को सत्संगों, सम्मेलनों, आध्यात्मिक कार्यक्रमों, और मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स के द्वारा विश्व भर में लाखों लोगों तक पहुँचाया है। महाराज जी अनेक बैस्टसैलिंग पुस्तकों के लेखक भी हैं, तथा उनके ब्लॉग्स, वीडियोज़, गतिविधियों की सूचनाएँ, और प्रेरणादायी आध्यात्मिक कथन नियमित रूप से साइंस ऑफ़ स्पिरिच्युएलिटी के वेबसाइट पर आते रहते हैं: www.sos.org। अधिक जानकारी के लिए और आगामी सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए यहाँ देखें। Facebook YouTube Instagram पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज को फ़ॉलो करें।